Source: विशेष संवाददाता. | Last Updated 12:51(07/04/12)
रांची.अब बिना किसी पहचान पत्र के भी आपका यूआईडी कार्ड बन सकेगा। अगर राशन कार्ड, टेलीफोन बिल, बिजली बिल, बैंक पास बुक, घरेलू गैस कार्ड या अन्य कोई दस्तावेज नहीं है, तब भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसी तरह का दस्तावेज नहीं रहने पर सिर्फ एमपी, एमएलए, वार्ड पार्षद, मुखिया व रिटायर गजटेड अधिकारी से पहचान करानी होगी। पहचान के लिए उस व्यक्ति को भी सक्षम माना जाएगा, जिसका पहले से यूआईडी कार्ड बना हुआ है।
नई दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह तय किया गया है कि झारखंड में यूआईडी कार्ड निर्माण का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू किया जाएगा। इससे पहले केंद्र सरकार 13 अप्रैल तक राज्य सरकार को नया सॉफ्टवेयर उपलब्ध करा देगी।
देश के लिए खतरा
"सभी का कार्ड बने। यह सही है। लेकिन सीमावर्ती इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण जनसंख्या का असंतुलन है। इनका नाम मतदाता सूची में शामिल हो रहा है। उनका कार्ड बना तो देश के लिए खतरा पैदा करेगा।" - अनंत ओझा, प्रदेश महामंत्री, भाजपा.
समस्याएं दूर होंगी
"आम लोगों की समस्याएं दूर करने के साथ-साथ कार्ड के प्रिंट और पोस्ट की खामियों को भी दूर करने का फैसला किया गया है। पहचान पत्र न होने पर सक्षम जनप्रतिनिधि या अधिकारी द्वारा पहचान करने पर कार्ड बन सकेगा।" - विमल झा, सहायक निदेशक, नगरीय प्रशासन.
सुरक्षा का सवाल अनुत्तरित
देश के सीमावर्ती इलाके में अवैध रूप से रह रहे लोगों को यूआईडी कार्ड बनवाने से रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है। खास कर बांग्लादेशी आसानी से यूआईडी कार्ड बनवा लेंगे। अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशियों का कार्ड नहीं बन सके, यह जनप्रतिनिधियों पर निर्भर करेगा, लेकिन वोट की राजनीति में ऐसा संभव नहीं दिखता।
कार्ड बनने में नहीं होगा विलंब
पूर्व से फोटोग्राफी में लगी एजेंसियों द्वारा आंकड़ा भेजने में काफी विलंब किया जाता था। जब तक 40 हजार, 50 हजार लोगों की फोटोग्राफी नहीं हो जाती थी, वे खर्च बचाने के लिए आंकड़े नहीं भेजते थे। अब एक हजार लोगों की फोटोग्राफी होते ही उसे प्रिंट के लिए भेजना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि यूआईडी कार्ड बनने में कोई विलंब नहीं हो।
अगले महीने तक मिल जाएंगे कार्ड
पहले चरण में यूआईडी कार्ड के लिए फोटोग्राफी करा चुके लोगों को हर हाल में मई तक यूआईडी कार्ड मिल जाएगा। दिल्ली में हुई बैठक में बताया गया कि अब उच्च गुणवत्ता के तीन प्रिंटर लगाए गए हैं। इनसे प्रतिदिन 10 लाख कार्ड प्रिंट हो सकेंगे। इसके अलावा कार्ड भेजने के लिए पोस्टल डिपार्टमेंट के अलावा केंद्र ने निजी कोरियर कंपनियों की भी सेवा लेने का फैसला किया है।
झारखंड में बनने हैं 3.39 करोड़ कार्ड
राज्य में कुल 3.39 करोड़ यूआईडी कार्ड बनने हैं। इसके लिए अब तक 82 लाख लोगों की फोटोग्राफी हो चुकी है। इनमें 22 लाख लोग शहरी इलाके और 60 लाख ग्रामीण इलाके के हैं। केंद्र ने इस बार कार्ड निर्माण को ‘स्वीप सिस्टम’ के तहत शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत राज्य के जिस हिस्से में फोटोग्राफी शुरू होगी, उस क्षेत्र में सभी लोगों के कार्ड बना दिए जाएंगे।
नियुक्त होंगे वेरीफायर
हर बूथ पर फोटोग्राफी के वक्त वेरिफायर नियुक्त होंगे। ये सेवानिवृत्त गजटेड अधिकारी होंगे। इन्हें प्रति कार्ड दस्तावेजों के वेरीफिकेशन के लिए दो रुपए मिलेंगे। जिनकी फोटोग्राफी हो चुकी है, उन्हें मई तक मिल जाएगा यूआईडी कार्ड