Source: भास्कर न्यूज. | Last Updated 12:19(23/04/12)
जमशेदपुर. पहले यूआईडी (यूनिक आइडेंटिफिकेशन) यानी आधार कार्ड बनाने का टेंशन था, मगर अब डाकघर के सामने वितरण की चुनौतियां आ गई हैं। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डाकघर के बीच हुए करार के तहत झारखंड के विभिन्न जिलों में डाकघर को कार्ड वितरण करना है।
सिंहभूम में ही बने हैं साढ़े पांच लाख आधार कार्ड
केवल सिंहभूम में ही साढ़े पांच लाख यूआईडी कार्ड बने हैं। मार्च के तीसरे सप्ताह से बने कार्ड मुंबई से यहां आने शुरू हो गए हैं, लेकिन स्टॉफ की कमी के कारण कार्ड का वितरण बेहद धीमी गति से हो रहा है। बिरसानगर शाखा डाकघर में 35 हजार कार्ड बोरे में बंद पड़े हैं। इसे बांटने वाला कोई नहीं है। टेल्को उप डाकघर द्वारा सप्ताह भर के अंदर बिरसानगर ब्रांच ऑफिस को 15 हजार कार्ड और मिल जाएंगे। डाकघर में केवल एक डाकिया हंै। उनका कहना है कि अप्रैल माह में विभिन्न परीक्षाओं के एडमिट कार्ड रोजाना सैकडों की संख्या में आ रहे हैं। ऐसे में पहले एडमिट कार्ड का बंटवारा हो रहा है। इसके साथ ही डाकघर में रोजाना लगभग 600 चिट्ठियां आती हैं। ऐसे में बिरसानगर जैसे क्षेत्र में यूआईडी कार्ड का बंटवारा कैसे होगा? विभाग दूसरे विकल्प पर विचार कर रहा है।
किन डाकघरों में डंप हैं कार्ड
साकची, बिष्टुपुर, टेल्को, बिरसानगर, बारीडीह, मानगो, कदमा व परसुडीह।
स्टाफ की कमी से डाकघरों के सामने वितरण की चुनौती
सिंहभूम क्षेत्र के वरिष्ठ डाकपाल एन सरकार बताते हैं कि 5.50 लाख कार्ड में से 4.50 लाख कार्ड मुंबई से डिस्पैच होकर जमशेदपुर पहुंच चुके हंै। शेष एक लाख कार्ड की प्रोसेसिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले एक माह में विभिन्न डाकघरों के द्वारा 1.75 लाख कार्ड का वितरण तो हुआ है, मगर अब भी 2.75 लाख कार्ड विभिन्न डाकघरों में पड़े हैं। डाकघर के पास कर्मचारियों की संख्या कम है। ऐसे में एक साथ लाखों कार्ड का वितरण मुश्किल है। इसलिए विभाग द्वारा कैंप लगाकर इसे बांटने की योजना बनाई जा रही है।